कपड़े धुल जाने से धुल ही जाता है कपड़ों का मैल किंतु क्या धुल जाने से मैल कपड़ों का धुल जाता है मैल मन का भी सवाल करो और खुद जान जाओ आत्मा में दरअसल मैल कितना धुल जाने के बाद भी।
हिंदी समय में राजकुमार कुंभज की रचनाएँ